देर रात नड्डा के घर हुई अमित शाह की बैठक, किसानों ने दी 5 एंट्री पॉइंट्स से दिल्ली को जाम करने की चेतावनी

अमित शाह बोल किसानों का आंदोलन राजनीतिक नहीं, सिरसा ने कहा- हमारे पास इतना राशन है कि 4 महीने भी हमें रोड पर बैठना पड़े, तो बैठ लेंगे, बुराड़ी ओपन जेल, वहां नहीं जाएंगे, पांच एंट्री पॉइंट्स से करेंगे दिल्ली का घेराव, लंबी लड़ाई की तैयारी, हमारे मंच से कोई राजनीतिक दल स्पीच नहीं देगा, बुराड़ी से अपने साथियों को वापस बुलाएंगे

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Politalks.News/Delhi/Farmers. केन्द्र सरकार द्वारा लाए गए नए कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर पिछले 2 महीने से आंदोलन कर रहे किसानों का आंदोलन अब उग्र हो चला है. दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करने की मांग को लेकर पिछले 4 दिन से दिल्ली बॉर्डर पर डटे हुए किसानों के आंदोलन को देखते हुए रविवार देर रात बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के आवास पर हाई लेवल मीटिंग भी बुलाई गई, जिसमें देश के गृह मंत्री अमित शाह के अलावा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भी शामिल हुए. चारों दिग्गज़ों के बीच यह बैठक करीब 2 घंटे चली.

इससे पहले रविवार को निकाय चुनाव प्रचार के लिए हैदराबाद पहुंचे अमित शाह ने कहा कि ये कानून किसानों के कल्याण के लिए हैं और किसानों का यह आंदोलन अराजनीतिक है. शाह ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘नये कृषि कानून किसानों के कल्याण के लिए हैं. लंबे समय बाद किसान एक बंधन वाली व्यवस्था से बाहर आ रहे हैं.’ शाह ने आगे कहा, ‘जो भी राजनीतिक रूप से इनका विरोध करना चाहते हैं, करते रहें. मैंने कभी नहीं कहा कि किसानों का प्रदर्शन राजनीतिक है और ना कभी कहूंगा.’ बता दें, गृह मंत्री ने दिल्ली की सीमाओं पर एकत्रित हुए किसानों को उत्तर दिल्ली के बुराड़ी मैदान में प्रदर्शन के लिए जमा होने की अपील की है और कहा कि केंद्र सरकार उनके वहां पहुंचने के बाद उनसे बातचीत को तैयार है.

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आपको बता दें, किसानों ने रविवार को कहा था कि बुराड़ी नहीं जाएंगे और दिल्ली की घेराबंदी के लिए 5 एंट्री पॉइंट्स पर धरना देंगे. किसान नेता बलदेव सिंह सिरसा बोले- हमारे पास इतना राशन है कि 4 महीने भी हमें रोड पर बैठना पड़े, तो बैठ लेंगे. गाजियाबाद बॉर्डर पर प्रदर्शनकारी किसानों की पुलिस से हाथापाई हुई, हालांकि, बाद में यहां किसानों ने भजन भी गाए. हाइवे के किनारे डटे किसानों ने ट्रॉलियों को ही अपना घर बना लिया है. यहीं खाना बन रहा है तो यहीं नहाने और कपड़े धोने का इंतजाम है. जगह-जगह लंगर लगे हैं और धरने वाले धरने पर बैठे हैं. खाना बनाने वाले खाना बना रहे हैं, इस तरह सभी को अलग-अलग जिम्मेदारी दी गई है.

किसानों ने किए ये बड़े एलान

बुराड़ी ओपन जेल, वहां नहीं जाएंगे: किसान नेता बलदेव सिंह सिरसा ने कहा- सरकार ने यह शर्त रखी थी कि हम हाईवे खाली कर बुराड़ी जाएं। शर्त अपमानजनक है. हम बुराड़ी मैदान में नहीं जाएंगे, क्योंकि वह ओपन जेल है, इसका सबूत भी है हमारे पास. उत्तराखंड के तेजिंदर सिंह विर्क की अगुआई में किसान दिल्ली के जंतर-मंतर जाना चाहते थे. दिल्ली के प्रशासन और पुलिस ने उनके साथ धोखा किया. उन्हें जंतर-मंतर न ले जाकर बुराड़ी पार्क में कैद कर दिया.

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पांच एंट्री पॉइंट्स से करेंगे दिल्ली का घेराव, लंबी लड़ाई की तैयारी: बलदेव सिंह सिरसा ने कहा- हम ओपन जेल में जाने की बजाय सोनीपत, रोहतक के बहत्तर गढ़, जयपुर से दिल्ली हाईवे, मथुरा-आगरा से दिल्ली हाईवे, गाजियाबाद से आने वाला हाईवे जाम करेंगे और दिल्ली की घेराबंदी करेंगे. 5 एंट्री पॉइंट्स पर धरना देंगे. हमने रहने के लिए ट्रैक्टर-ट्रॉली को घर जैसा बना रखा है, हम लंबे दौर की तैयारी करके आए हैं.

हमारे मंच से कोई राजनीतिक दल स्पीच नहीं देगा: किसानों ने कहा कि हमने एक कमेटी बनाई है. यही पांचों पॉइंट्स पर धरने-प्रदर्शन का संचालन करेगी. किसी भी राजनीतिक दल को स्टेज पर बोलने की इजाजत नहीं है. कांग्रेस, आप या कोई भी राजनीतिक दल के लोग हमारे स्टेज पर स्पीकर के तौर पर नहीं बोलेंगे. इनके अलावा दूसरे संगठनों के जो संचालन कमेटी के तय नियमों को मानेंगे, उन्हें बोलने की इजाजत दी जाएगी.

बुराड़ी से अपने साथियों को वापस बुलाएंगे: इसके साथ ही किसानों ने यह भी कहा कि वे बुराड़ी में मौजूद अपने साथियों को वापस बुलाएंगे. बता दें, बुराड़ी में पहले से पहुंच चुके किसानों का एक ग्रुप पहले से ही डेरा डाले हुए है. अब किसान यूनियन ने उस ग्रुप को भी वापस बॉर्डर पर बुलाने का निर्णय किया है.

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