पेगासस जासूसी मामले में कांग्रेस के आरोप और BJP के प्रत्यारोप के बीच अमित शाह ने समझाई क्रोनोलॉजी

कांग्रेस ने गृह मंत्री अमित शाह को बर्खास्त करने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भूमिका की जांच कराने' की मांग की, केंद्र सरकार और भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस के आरोपों को 'शर्मनाक, मर्यादाविहीन' और कथित टैपिंग मामले को 'अंतरराष्ट्रीय साजिश' बताते हुए किया ख़ारिज, अमित शाह ने आरोपों को 'साजिश' बताया और कहा, "विघटनकारी और अवरोधक शक्तियां अपने षड्यंत्रों से भारत की विकास यात्रा को नहीं रोक पायेंगी, सदन में नए आईटी मंत्री ने दिया सरकार का जवाब

अमित शाह ने समझाई जासूसी कांड की 'क्रोनोलॉजी'
अमित शाह ने समझाई जासूसी कांड की 'क्रोनोलॉजी'

Politalks.News/Bharat. इसराइल में विकसित पेगासस स्पाईवेयर के जरिए चर्चित लोगों की कथित फ़ोन टैपिंग को लेकर देश की राजनीति में सियासी भूकंप आया गया है. एक अंतरराष्ट्रीय मीडिया संगठन ने खुलासा किया है कि केवल सरकारी एजेंसियों को ही बेचे जाने वाले इजराइल के खुफिया जासूसी साफ्टवेयर पेगासस के जरिए भारत के दो केंद्रीय मंत्रियों, 40 से अधिक पत्रकारों, विपक्ष के तीन नेताओं और एक मौजूदा न्यायाधीश सहित बड़ी संख्या में कारोबारियों, अधिकारियों और कार्यकर्ताओं के 300 से अधिक मोबाइल नंबर हो सकता है कि हैक किए गए हों. इस कथित फ़ोन टैपिंग को लेकर रविवार को ‘वॉशिंगटन पोस्ट’ और भारत समेत दुनिया के दूसरे मीडिया संस्थानों ने रिपोर्ट छापी थी जिनमें दावा किया गया था कि दुनिया भर में सैकड़ों पत्रकारों और दूसरे चर्चित लोगों के फ़ोन टैप किए गए हैं. इनमें भारत के कई लोग शामिल हैं.

संसद के मानसून सत्र से ठीक कुछ घण्टों पहले सामने आई इस चौंकाने वाली रिपोर्ट के बाद सोमवार को पहले दिन ही सदन के दोनों सदनों में जमकर हंगामा हुआ और दोनों सदनों की कार्यवाही को मंगलवार तक स्थगित करना पड़ा. वहीं इस कथित फ़ोन टैपिंग मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के फ़ोन की कथित तौर पर जासूसी किए जाने की बात सामने आने पर कांग्रेस ने सरकार पर तीखा हमला किया. कांग्रेस ने सोमवार शाम एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की और ‘गृह मंत्री अमित शाह को बर्खास्त करने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भूमिका की जांच कराने’ की मांग की. वहीं, केंद्र सरकार और भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस के आरोपों को ‘शर्मनाक, मर्यादाविहीन’ और कथित टैपिंग मामले को ‘अंतरराष्ट्रीय साजिश’ बताते हुए ख़ारिज किया. गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार शाम एक बयान जारी करके आरोपों को ‘साजिश’ बताया और कहा कि, विघटनकारी और अवरोधक शक्तियां अपने षड्यंत्रों से भारत की विकास यात्रा को नहीं रोक पायेंगी.’

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पेगासस मामले में राहुल गांधी सहित देश की कई प्रमुख हस्तियों का नाम सामने आने के बाद कांग्रेस भड़क गई और सोमवार शाम कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खड़गे, रणदीप सुरजेवाला और अधीर रंजन चौधरी ने एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा कि, ‘आज जो जानकारी सामने आई है उसके मुताबिक कांग्रेस नेता राहुल गांधी और उनके स्टाफ़ के सदस्यों के टेलीफ़ोन पर हैक किए गए थे. चुनाव आयुक्त अशोक लवासा का फ़ोन ग़ैरक़ानूनी निगरानी और जासूसी के लिए चुना गया था. ऐसा लगता है कि एडीआर के संस्थापक जगदीप छोकर को भी निशाना बनाया गया.’

मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि, “लोकतंत्र में विरोधी पार्टी के नेताओं की जासूसी करना, खुद के मंत्रियों की भी जासूसी कर रहे हैं, इसका सबूत मिला है. हमारे राहुल गांधी की भी जासूसी किया है. इसकी जांच होने के पहले ख़ुद अमित शाह साहब को रिजाइन करना चाहिए. मोदी साहब की इन्क्वायरी होनी चाहिए. अगर लोकतंत्र के उसूलों से चलना चाहते हो तो आप इस जगह रहने के काबिल नहीं हैं.” कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया, “इसके लिए गृह मंत्री अमित शाह के सिवाए कोई ज़िम्मेदार नहीं हो सकता. हां, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सहमति और सम्मति के बिना ये नहीं हो सकता.”

पीसी के दौरान कांग्रेस नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनकी और गृह मंत्री की भूमिका की जांच कराने की मांग की और छह सवाल पूछे. कांग्रेस नेताओं ने प्रधानमंत्री मोदी से पूछा, ” देश में आंतरिक सुरक्षा के इनचार्ज अमित शाह को बर्खास्त क्यों नहीं किया जाना चाहिए.”

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कांग्रेस ने सरकार से पूछे ये 6 सवाल:-

  1. क्या 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले मोदी-शाह जासूसी करवा रही थी?
  2. 2019 से 2021 के बीच यदि आपको (प्रधानमंत्री मोदी) जानकारी थी तो आप और गृहमंत्री अमित शाह इसपर चुप क्यों रहे?
  3. देश में आंतरिक सुरक्षा की जिम्मेदारी गृहमंत्री की है तो ऐसे में अब उन्हें बर्खास्त किया जाना चाहिए।
  4. राहुल गांधी समेत विपक्ष के नेता, कैबिनेट मंत्रियों, पत्रकारों, समाजिक कार्यकर्ताओं और देश के मुख्य चुनाव आयुक्त की जासूसी करवाना अगर देशद्रोह और राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ खिलवाड़ नहीं है तो फिर क्या है?
  5. भारत सरकार ने इजरायली सॉफ्टवेयर कब खरीदा? इसकी इजाजत पीएम मोदी या गृह मंत्री अमित शाह ने दी या नहीं और इसके लिए कितना खर्च किया गया?
  6. क्या अब इस मामले में प्रधानमंत्री की भूमिका की जांच होनी चाहिए या नहीं?

अमित शाह ने फिर समझाई क्रोनोलोजी
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस मामले में बयान जारी करते हुए इसे ‘लोकतंत्र को बदनाम करने का षडयंत्र’ बताया. अमित शाह ने पत्रकारों, कार्यकर्ताओं और मंत्रियों के फोन हैक करने के लिए भारत द्वारा इजरायली सॉफ्टवेयर पेगासस का उपयोग करने की रिपोर्ट्स की क्रोनोलॉजी समझाई है. शाह ने कहा कि, ‘लोगों ने अक्सर मेरे साथ इस वाक्यांश (क्रोनोलॉजी समझिए) को हल्के-फुल्के अंदाज में जोड़ा है, लेकिन आज मैं गंभीरता से इसकी क्रोनोलॉजी समझाना चाहता हूं.’

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अमित शाह ने कहा कि, ‘इस तथाकथित रिपोर्ट के लीक होने का समय और फिर संसद में ये व्यवधान, इसे जोड़कर देखने की आवश्यक्ता है. यह एक विघटनकारी वैश्विक संगठन हैं जो भारत की प्रगति को पसंद नहीं करता है. ये अवरोधक भारत में राजनीतिक खिलाड़ी हैं जो नहीं चाहते कि भारत प्रगति करे. भारत के लोग इस घटना और संबंध को समझने में बहुत परिपक्व हैं.’ शाह ने आगे कहा कि, ‘कल देर शाम हमने एक रिपोर्ट देखी, जिसे केवल एक ही उद्देश्य के साथ कुछ वर्गों द्वारा शेयर किया गया है.’

इसके साथ ही विपक्षी दलों द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सोमवार को संसद में अपने नए कैबिनेट सहयोगियों को पेश करने की अनुमति नहीं देने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए अमित शाह ने कहा कि ऐसी ताकतें हैं जो भारत की प्रगति को पचा नहीं पा रही हैं. अमित शाह ने कहा कि, ‘भारत के लोगों को मौजूदा मानसून सत्र से बहुत उम्मीदें हैं. किसानों, युवाओं, महिलाओं और समाज के पिछड़े वर्गों के कल्याण के लिए महत्वपूर्ण विधेयक बहस और चर्चा के लिए तैयार हैं.’

बीजेपी के चाणक्य अमित शाह ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि, ‘कांग्रेस के पास लोकतंत्र को कुचलने का अच्छा अनुभव है और अपने स्वयं के घर के क्रम में नहीं होने के कारण, वे अब संसद में आने वाली प्रगतिशील चीजों को पटरी से उतारने की कोशिश कर रहे हैं.’

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इसके पहले पूर्व आईटी और कानून मंत्री और बीजेपी के दिग्गज नेता रविशंकर प्रसाद ने आरोपों को ‘अंतरराष्ट्रीय साजिश‘ बताया. प्रसाद ने कांग्रेस के शासनकाल मे हुईं कथित फोन टैपिंग का ज़िक्र भी किया. रविशंकर प्रसाद ने कहा कि, ‘ये पेगासस की कहानी मानसून सत्र के पहले ही क्यों शुरू होती है. क्या कुछ लोग योजनाबद्ध तरीके से लगे हुए थे कि ये कहानी मानसून सत्र के पहले ही फ़ोडनी है. ताकि देश में एक नया माहौल बनाया जाए.’

पूर्व कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने सवाल किया कि, ‘भारत की राजनीति में कुछ लोग सुपारी एजेंट हैं क्या? क्या कोई अंतरराष्ट्रीय साजिश होती है तो उसके एजेंट बन जाते हैं?’ रविशंकर प्रसाद ने आगे कहा कि, ‘इस पूरी कहानी में एक सबूत ऐसा नहीं आया है जो भारत सरकार को इससे लिंक करता है.या बीजेपी को इससे लिंक करता है. जिन लोगों ने इस स्टोरी को ब्रेक किया उन्होंने स्वयं कहा है कि फ़ोन नंबर का डाटा बेस में होना इस बात का संकेत नहीं है कि इसे हैक किया गया. एनएसओ ने साफ़ कहा है कि हमारे अधिकांश क्लाइंट वेस्टर्न कंट्री हैं तो भारत को टारगेट क्यों किया जा रहा है.’

सदन में नए आईटी मंत्री ने दिया सरकार का जवाब
लोकसभा में नए आईटी मंत्री बने अश्विनी वैष्णव ने सरकार की तरफ से जवाब देते हुए कहा कि,’एक वेब पोर्टल पर कल रात एक अति संवेदनशील रिपोर्ट प्रकाशित की गई जिसमें बढ़ा-चढ़ाकर कई आरोप लगाए गए. ये रिपोर्ट संसद के मॉनसून सत्र के एक दिन पहले प्रकाशित हुई. ये संयोग नहीं हो सकता.’ वैष्णव ने कहा कि, ‘इससे पहले भी वॉट्सऐप पर पेगासस के इस्तेमाल को लेकर मिलते-जुलते दावे किए गए हैं. वो बेबुनियाद थे और सभी पार्टियों ने उनका खंडन किया था. 18 जुलाई को प्रकाशित रिपोर्ट भी भारतीय लोकतंत्र और इसकी स्थापित संस्थाओं को बदनाम करने की कोशिश प्रतीत होती है.’

इन सबके बीच इजराइल के पेगासस नाम के जिस स्पाईवेयर से फ़ोन हैक करने की बात सामने आ रही है उसे तैयार करने वाली कंपनी एनएसओ ने तमाम आरोपों से इनकार किया है. ये कंपनी दावा करती रही है कि वो इस प्रोग्राम को केवल मान्यता प्राप्त सरकारी एजेंसियों को बेचती है और इसका उद्देश्य “आतंकवाद और अपराध के खिलाफ लड़ना” है

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