पॉलिटॉक्स न्यूज़/राजस्थान. कोरोना संकट के इस समय में जब सरकार सभी उद्यमियों, कारोबारियों और निजी स्कूल संचालकों से शिक्षकों को उनका पूरा वेतन देने की बात कर रही है वहीं राजस्थान में केंद्र सरकार की व्यावसायिक शिक्षा योजना के अंतर्गत प्रदेशभर में कार्यरत 1810 व्यावसायिक प्रशिक्षकों को 6 से 20 माह का वेतन आजतक भी नहीं मिला है. यही कोरोना जैसे महासंकट में जबकि सभी सरकारें यह अपील कर रही है कोई भी निजी संस्थान किसी भी कर्मचारी को नौकरी से नहीं निकाले, ऐसे में प्रदेश के 905 स्कूलों में कार्य करने वाले इन 1810 प्रशिक्षकों को राज्य सरकार और निजी एजेंसी के बीच अनुबंध खत्म होने की वजह से 30 अप्रैल को हटा भी दिया गया है. व्यावसायिक प्रशिक्षक संघ राजस्थान के बैनर तले इन प्रशिक्षकों ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से पत्र लिखकर बकाया वेतन दिलवाने और अनुबंध कार्यकाल बढ़ाने की मांग की है.
पॉलीटॉक्स से हुई खास बातचीत में इन प्रशिक्षकों ने बताया कि राजस्थान में केंद्र सरकार की इस व्यावसायिक शिक्षा योजना में 905 सरकारी स्कूलों में निजी कंपनियों के माध्यम से 1810 व्यावसायिक प्रशिक्षक कार्यरत है. इन प्रशिक्षकों को 6 से 20 माह का वेतन नहीं मिला है और 30 अप्रैल से आगे राज्य सरकार द्वारा अनुबन्ध नहीं बढ़ाने के कारण विभिन्न कम्पनियों ने प्रशिक्षकों को कार्यमुक्त करने के आदेश जारी कर दिए है जिससे व्यावसायिक प्रशिक्षक बेरोजगार हो गये है.
प्रशिक्षकों ने बताया कि व्यावसायिक शिक्षा योजना में केन्द्र सरकार की ओर से 60 प्रतिशत व राज्य सरकार की ओर से 40 प्रतिशत फण्ड दिया जाता है. इस फण्ड के माध्यम से राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद द्वारा विभिन्न टेंडर कंपनियों को भुगतान किया जाता है. प्रदेशभर के 1810 प्रशिक्षकों को काफी महीनों से वेतन नहीं मिला है इसके लिए वो मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री, राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद के उच्च अधिकारियों, एजेंसियों के अधिकारियों से कई बार गुहार लगा चुके हैं.
यह भी पढ़ें: मुख्यमंत्री गहलोत से 2013 की नर्सिंग भर्ती के शेष रहे एएनएम/जीएनएम के 11233 अभ्यर्थी मांग रहे न्याय
प्रशिक्षकों ने वेतन नहीं मिलने को लेकर आगे बताया की सरकार कहती है एजेंसी वेतन देगी, एजेंसी कहती है सरकार हमारा भुगतान नहीं कर रही यो जब सरकार हमें देगी तब हम आपको देंगे. इस तरह राज्य सरकार व कंपनियों के बीच फंसे इन व्यावसायिक प्रशिक्षकों का शोषण हो रहा है. व्यवसायिक सेवा प्रदाता कंपनी से प्राप्त जानकारी अनुसार राज्य सरकार के राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद द्वारा कंपनी को व्यावसायिक प्रशिक्षकों के भुगतान की पत्रवालियों का पुनर्भरण नहीं किया गया है जिसके कारण कंपनी वेतन देने में असमर्थ हैं. इन प्रशिक्षकों को अनुबंध खत्म होने के चलते पिछले माह प्रशिक्षक पद से भी हटा दिया गया है. पिछले कुछ सालों से सरकारी स्कूलों में व्यवसायिक प्रशिक्षकों के तौर पर कार्य कर रहे इन शिक्षकों के सामने अब रोजगार की समस्या उत्पन्न हो गई है.
पॉलिटॉक्स की यह खास अपील है राजस्थान के लोकप्रिय और संवेदनशील मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से की कोरोना जैसे इस महासंकटकाल में कृपया इन 1810 व्यवसायिक प्रशिक्षकों को इनका बकाया वेतन दिलवा कर और इनका अनुबंध आगे बढ़ाकर इनके परिवार को बचाने की कृपा करें.