Politalks.News/Rajasthan. राजस्थान के सियासी घमासान के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान के सभी 200 विधायकों को पत्र लिखकर लोकतंत्र को बचाने की अपील की है. सीएम गहलोत ने विधायकों से कहा कि वो अपनी आत्मा की आवाज सुनकर सही और गलत का निर्णय करें. लोकतांत्रिक तरीकों से चुनी हुई सरकारों को गिराना अच्छी परंपरा नहीं है. सभी को जनता की आवाज सुननी चाहिए. गलत परंपराओं से बचते हुए जनता का विश्वास बरकरार रखना चाहिए. पत्र के आखिरी में लिखा कि विधायकों को अपने परिवार और क्षेत्र के मतदाताओं की भावनाओं का समझकर यह सुनिश्चित करना चाहिए कि राजस्थान के हितों के लिए बहुमत प्राप्त सरकार अपना काम करती रहे. वहीं सरकार को अस्थिर करने के मंसूबी कामयाब नहीं हो सकें.
तीन पेज के पत्र में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने लिखा कि कोरोना से बने हालातों की हम सबको चिंता करनी चाहिए. रोजगार सहित दूसरे कई मामले हैं, जिन पर काम करना चाहिए. ऐसी विकट संकट की स्थिति में कुछ लोग जनता द्वारा चुनी हुई सरकार को अस्थिर कर कोरोना की लड़ाई को कमजोर कर रहे हैं.
हार जीत चलती रहती है. जनता का फैसला सर्वोपरि होता है. यही हमारी परंपरा रही है. इंदिरा गांधी और अटल बिहारी वाजपेई जैसे नेता भी हारे हैं, लेकिन उन्होंने लाकतांत्रिक मूल्यों और परंपराओं को बनाए रखा.
मुख्यमंत्री गहलोत ने लिखा कि वो जनता द्वारा चुने गए सभी विधायकों का सम्मान करते हैं, उनके प्रति भेदभाव नहीं रखते. हर क्षेत्र का विकास उनकी प्राथामिकता में शामिल हैं. सीएम गहलोत ने आगे लिखा की डेढ़ साल के सरकार के कार्यकाल में संवदेनशीलता के साथ काम हुए हैं, राज्य के विकास के साथ-साथ अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के बड़े कदम उठाए गए हैं.
मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि पिछले डेढ़ साल में शिक्षा, चिकित्सा, बिजली, पानी सहित सभी तरह की आधारभूत सुविधाओं का अच्छे स्तर पर विकास हुआ है. इसी दौरान आई वैश्विक महामारी कोरोना को हराने के लिए सरकार ने संकल्प के साथ लड़ाई लड़ी. सभी के सहयोग से सरकार कोरोना की लड़ाई लड़ पा रही है. लेकिन कोरोना को लेकर हर दिन हालात बिगड़ रहे हैं. यह तेजी से पैर पसार रहा है. कितने परिवार इसकी चपेट में आएंगे, कितनों का क्या नुकसान होगा, यह कहना अभी बहुुत मुश्किल है. लेकिन इस मुश्किल समय में हम सबको सतर्क रहना होगा.