पॉलिटॉक्स ब्यूरो. राजस्थान में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) छोडकर कांग्रेस में आए सभी छह विधायक शुक्रवार को कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद औपचारिक रूप से कांग्रेस में शामिल हुए. शुक्रवार सुबह सभी विधायकों ने प्रदेश कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडे की मौजूदगी में दिल्ली में सोनिया गांधी से मुलाकात की. मुलाकात के बाद अविनाश पांडे ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मीडिया को बताया कि बसोआ से आए सभी विधायकों ने आज कांग्रेस अध्यक्षा से शिष्टाचार मुलाकात की और इसी के साथ सभी विधायक आज औपचारिक रूप से आज कांग्रेस में शामिल हो गए हैं. सभी विधायकों ने कांग्रेस अध्यक्षा को विश्वास दिलाया है कि वे कांग्रेस की मजबूती के लिए काम करेंगे.
बता दें, बसपा छोड़कर ये सभी विधायक सितंबर, 2019 में कांग्रेस में आए थे. कांग्रेस में विलय के लिए सभी विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी को एक विलय पत्र सौंपा था जिसे सीपी जोशी ने मंजूरी दे दी थी. इनमें विधायक राजेन्द्र गुढ़ा, जोगेन्द्र सिंह अवाना, लाखन सिंह, दीपचंद खेरिया, वाजिब अली और संदीप यादव शामिल हैं. उसके बाद से ही राजनीतिक गलियारों में इस बात की भी चर्चा है कि इन सभी छह विधायकों को सरकार में मंत्री पद, संसदीय सचिव या कोई अहम राजनीतिक पद दिया जा सकता है.
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प्रदेश में इससे पहले भी 2008 में बसपा विधायकों का कांग्रेस में विलय हुआ था. उस समय कांग्रेस के 96 विधायक ही विधानसभा पहुंच पाये थे. बसपा और गोलमादेवी के सहयोग से गहलोत सरकार को बहुमत में मजबूती मिली थी. उस समय भी बसपा के ये सभी विधायक पार्टी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए थे. गौरतलब है कि विधायक गुढ़ा सहित छह विधायक बसपा के टिकट पर विधानसभा में पहुंचे थे. सीएम गहलोत ने उस दौरान बसपा विधायक दल का कांग्रेस में विलय कराते हुए सभी छह विधायकों को मंत्री बनाया था.