पॉलिटॉक्स न्यूज़/उत्तरप्रदेश. कोरोना संक्रमण के बढ़ते कहर के बीच प्रदेश में सियासत भी लगातार गरम है. पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कोरोना वायरस को लेकर बीजेपी पर मुसलमानों के खिलाफ नफरत फैलाने का आरोप लगाते हुए मंगलवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी के सदस्य अपनी ‘मूल सीख‘ का पालन कर रहे हैं. अखिलेश ने कहा कि मुसलमानों के प्रति नफरत पैदा करना भाजपा की मूल सीख है और यह पार्टी बस यही कर रही है. भाजपा के लोग जमात के सदस्यों द्वारा पृथक इकाई में बिरयानी की मांग किए जाने संबंधी खबरें फैला रहे हैं. भाजपा समाज में मुसलमानों के प्रति नफरत फैलाने में कामयाब रही है.
कोरोना वायरस से उपजे संकट से निपटने में राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि वह जनप्रतिनिधियों की बात सुनने के बजाय सीएम योगी अधिकारियों के कहने पर ही काम कर रहे हैं. योगी सरकार पर निशाना साधते हुए अखिलेश ने कहा कि मुख्यमंत्री अपनी ‘टीम-11’ की बैठकें करने में व्यस्त हैं और वह अपनी ही पार्टी के सांसदों विधायकों और मंत्रियों तक की बात नहीं सुन रहे हैं.
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सीएम योगी के लिए कहा कि वे कोरोना वायरस संक्रमण के कारण उत्पन्न संकट को संभालने के प्रति गंभीर नहीं हैं. अपने पिछले तीन साल के कार्यकाल के दौरान योगी राज्य में मूलभूत ढांचा तैयार करने में नाकाम रहे हैं और उन्होंने केवल पूर्ववर्ती सपा सरकार के कार्यकाल में हुए विकास का ही इस्तेमाल किया है. उन्हें अब यह बात मान भी लेनी चाहिए
अखिलेश यादव ने आगे कहा कि भाजपा के विधायकों के बीच हताशा बढ़ रही है. मुख्यमंत्री जन प्रतिनिधियों की उपेक्षा कर रहे हैं और अधिकारी प्रदेश पर राज कर रहे हैं. उन्होंने कहा “आखिर प्रदेश के मंत्री कहां चले गए? उन्हें तो जिलों का प्रभारी बनाया गया था. उन्हें बाहर निकलने से किसने रोका है? मुख्यमंत्री सिर्फ अधिकारियों के कहने पर चल रहे हैं.” लॉकडाउन की अवधि बढ़ाने के बारे में विचार पूछे जाने पर यादव ने कहा कि इसके अलावा और रास्ता भी क्या है. लॉकडाउन लागू करना, कोविड-19 की जांच बढ़ाना और घरों में रहना ही एकमात्र चारा है. सपा अध्यक्ष ने हालांकि यह भी कहा कि लॉकडाउन की वजह से सारे कारोबार ठप हैं. लम्बे समय तक पूर्णबंदी रहने पर हालात बदतर हो जाएंगे. सरकार को इसे ध्यान में रखते हुए अपनी नीतियां बनानी चाहिए.
अखिलेश ने कहा कि कोरोना वायरस का संक्रमण अब पुलिस बल और नर्सों में भी फैल रहा है लिहाजा उनके संपर्क में आए लोगों को भी तलाशा जाना चाहिए. राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार कोरोना वायरस के लक्षण विकसित होने पर उसके बारे में प्रशासन को नहीं बताने वाले लोगों को जेल भेजने का डर दिखा रही है. ऐसा करने के बजाय उसे लोगों में विश्वास पैदा करना चाहिए ताकि लोग खुद सामने आएं. यादव ने कहा कि लोगों को यह भरोसा दिलाया जाना चाहिए कि उन्हें जेल नहीं भेजा जाएगा. उन्हें धमकाया नहीं जाना चाहिए.
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इससे पहले प्रदेश के बुलंदशहर में कथित चोरी का आरोप झेल रहे एक शख्स द्वारा सोमवार रात एक मंदिर परिसर में दो साधुओं की हत्या पर ट्वीट करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मामले में न्यायोचित कार्रवाई किए जाने तथा घटना का राजनीतिकरण नहीं किए जाने की मांग की है. अखिलेश यादव ने लिखा, “उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में मंदिर परिसर में दो साधुओं की नृशंस हत्या अति निंदनीय व दुखद है… इस प्रकार की हत्याओं का राजनीतिकरण न करके, इनके पीछे की हिंसक मनोवृत्ति के मूल कारण या आपराधिक कारण की गहरी तलाश करने की आवश्यकता होती है… इसी आधार पर समय रहते न्यायोचित कार्रवाई करनी चाहिए…”
उप्र के बुलंदशहर में मंदिर परिसर में दो साधुओं की नृशंस हत्या अति निंदनीय व दुखद है.
इस प्रकार की हत्याओं का राजनीतिकरण न करके, इनके पीछे की हिंसक मनोवृत्ति के मूल कारण या आपराधिक कारण की गहरी तलाश करने की आवश्यकता होती है. इसी आधार पर समय रहते न्यायोचित कार्रवाई करनी चाहिए.
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) April 28, 2020