कमलनाथ के राजनीति से सन्यास लेने सम्बन्धी बयान के बाद गर्माई एमपी कांग्रेस की सियासत

राज्‍य के लगभग तमाम नेता उपचुनाव में हार का ठीकरा न सिर्फ कमलनाथ पर फोड़ रहे हैं बल्कि युवा नेतृत्‍व की जरूरत भी बता रहे हैं, पीसी शर्मा का दावा 2023 का विधानसभा चुनाव कांग्रेस पार्टी कमलनाथ के नेतृत्व में ही लड़ेगी

कमलनाथ ने दिए राजनीति से सन्यास के संकेत
कमलनाथ ने दिए राजनीति से सन्यास के संकेत

Politalks.News/MadhyaPradesh. मध्‍यप्रदेश के पूर्व मुख्‍यमंत्री और पीसीसी चीफ कमलनाथ ने आज एक बड़ा बयान देते हुए सबको चौंका दिया. कमलनाथ ने छिंदवाड़ा के सौसर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए राजनीति से सन्यास लेने के संकेत दिए हैं. कमलनाथ ने कहा कि, ‘अब मैं आराम करना चाहता हूं, मुझे किसी भी पद की कोई महत्वाकांक्षा और लालच नहीं है, मैंने काफी कुछ हासिल किया है और अब मैं घर पर रहने के लिए तैयार हूं.’ कमलनाथ के इस बयान के बाद मध्यप्रदेश की कांग्रेस इकाई में जबरदस्त सियासी हलचल मच गई.

हालांकि कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने बात को संभालते हुए बयान दिया कि कमलनाथ के बयान को गलत तरीके से पेश किया जा रहा है. साथ ही पीसी शर्मा ने यह दावा भी कर दिया कि 2023 का विधानसभा चुनाव कांग्रेस पार्टी कमलनाथ के नेतृत्व में ही लड़ेगी. जबकि कमलनाथ के मीडिया कोऑर्डिनेटर नरेंद्र सलूजा ने सफाई जारी करते हुए कहा है कि कमलनाथ ने छिंदवाड़ा की जनता से कहा कि जिस दिन जनता चाहेगी, उस दिन ही संन्यास ले लूंगा. कमलनाथ के इतना कहते ही छिंदवाड़ा की जनता ने कमलनाथ के पक्ष में जोरदार नारेबाजी कर कहा कि हम आपको एक बार फिर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं. नरेंद्र सलूजा ने सफाई देते हुए कहा की कमलनाथ राजनीति में रहते हुए जन सेवा का कार्य जारी रखेंगे.

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आपको बता दें, हाल ही में मध्‍यप्रदेश की 28 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में सिर्फ 9 सीटों पर जीत हासिल करने के कारण कमलनाथ के खिलाफ राज्‍य में आवाज उठने लगी है. हालांकि छिंदवाड़ा में जनसभा में दिए उनके बयान के कई मायने निकाले जा रहे हैं. कांग्रेस के दिग्‍गज नेता कमलनाथ सिर्फ कोई पद छोड़ने की बात कर रहे हैं या राजनीति से विदाई लेने की बात कर रहे हैं, इस पर कयास लग रहे हैं.

गौरतलब है कि फिलहाल कमलनाथ मध्य प्रदेश विधानसभा में विपक्ष के नेता होने के साथ-साथ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं. जबकि उपचुनाव में करारी हार के बाद उन पर गलत टिकट बंटवारे, कमजोर उम्मीदवारों और गलत रणनीति के आरोप लगातार लग रहे हैं. यही नहीं, राज्‍य के लगभग तमाम नेता उपचुनाव में हार का ठीकरा न सिर्फ कमलनाथ पर फोड़ रहे हैं बल्कि युवा नेतृत्‍व की जरूरत भी बता रहे हैं. आपको बता दें कि मध्‍य प्रदेश के पूर्व मुख्‍यमंत्री इन दिनों अपने बेटे के साथ छिंदवाड़ा के दौरे पर हैं, जो कि कमलनाथ और कांग्रेस का गढ़ माना जाता है.

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