बंगाल के सियासी मैदान में शाह और नड्डा की जमाई हुई फील्डिंग पर अब पीएम मोदी की घातक गेंदबाजी

स्वामी विवेकानंद और रवींद्रनाथ टैगोर पर पहले से चल रही सियासत के बीच अब इस बार नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर बीजेपी और टीएमसी दोनों ही पार्टियां नेताजी के नाम पर अपना-अपना वोट बैंक बुलंद करने में जुट गई हैंं

शाह और नड्डा की जमाई हुई फील्डिंग पर अब पीएम मोदी की घातक गेंदबाजी
शाह और नड्डा की जमाई हुई फील्डिंग पर अब पीएम मोदी की घातक गेंदबाजी

Politalks.News/WestBengalElection. पश्चिम बंगाल में होने वाले विधानसभा चुनाव के चलते यहां की राजनीति में अब सबकुछ जायज है. प्रदेश में स्वामी विवेकानंद और रवींद्रनाथ टैगोर पर पहले से चल रही सियासत के बीच अब इस बार नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर बीजेपी और टीएमसी दोनों ही पार्टियां नेताजी के नाम पर अपना-अपना वोट बैंक बुलंद करने में जुट गई हैंं, ऐसे मेंं भारतीय जनता पार्टी और तृणमूल कांग्रेस में नए सिरे से खींचतान शुरू हो गई है. दोनों राजनीतिक दलों में इस बात की होड़ मची है कि कौन नेताजी की जयंती बेहतर ढंग से मनाता है, सही मायने में बंगाल में नेताजी के नाम पर नेतागिरी पूरे चरम पर है. प्रदेश में मचे इस सियासी घमासान के बीच बंगाल के सियासी मैदान पर बीजेपी के अमित शाह और जेपी नड्डा द्वारा जमाई गई फील्डिंग पर अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा की जाने वाली घातक गेंदबाजी ने दीदी यानी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की चिंताएं बढ़ा दी हैं.

आगे बात करने से पहले वर्ष 1978 में आई अमिताभ बच्चन जीनत अमान अभिनीत फिल्म डॉन के एक प्रसिद्ध गाने की चंद लाइनें याद कर लेते हैं. इस गाने के बोल कुछ इस प्रकार हैं, ‘जिसका मुझे था इंतजार जिसके लिए दिल था बेकरार वो घड़ी आ गई, आ गई आज प्यार में हद से गुजर जाना है, मार देना है तुझको या मर जाना है.’ ऐसा ही कुछ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन में इन दिनों पश्चिम बंगाल को लेकर चल रहा है. हम बात कर रहे हैं पश्चिम बंगाल में 3 महीने के अंदर होने वाले विधानसभा चुनावों की.

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गौरतलब है कि गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बंगाल में तूफानी दौरे करके मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को इस बार सत्ता से हटाने के लिए पूरा जोर लगा रखा है. वहीं पहले दुर्गाष्टमी के मौके पर वर्चुअल तरीके से चुनावी शंखनाद कर चुके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अब व्यक्तिगत रूप से चुनावी डंका बजाने जा रहे हैं. परसों यानी 23 जनवरी को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती के अवसर पर पीएम मोदी ने दीदी ममता बनर्जी से दो-दो हाथ करने के लिए पूरी तैयारी कर ली है.

अमित शाह और नड्डा ने सेट की हुई फिल्डिंग के साथ अब पीएम मोदी की बॉलिंग की है बारी

गौरतलब कि गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा पिछले कई दिनों से पश्चिम बंगाल में भाजपा के लिए माहौल बनाने में जुटे हुए हैं. अब इसमें रंग जमाने खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वहां पहुंच रहे हैं. इसे क्रिकेट की भाषा में समझें तो अमित शाह और जेपी नड्डा द्वारा लगातार दौरे और रैलियों से बंगाल के सियासी मैदान में जमाई जा चुकी फील्डिंग के बाद अब पीएम मोदी की प्रदेश को दी जाने सौगातें, घोषणाएं और जुमलों रूपी घातक गेंदबाजी दीदी के कितने विकिट उड़ाती है यह देखने वाली बात होगी. खैर, चुनावी माहौल में पीएम मोदी का यह सियासी दौरा बीजेपी कार्यकर्ताओं में जोश का संचार तो जरूर करेगा. बता दें कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती वर्ष को यादगार बनाने के लिए मोदी सरकार कई कोशिशें कर रही हैं.

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महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी सुभाष चंद्र बोस की जयंती को लेकर भारत सरकार ने कई दिनों तक कार्यक्रम आयोजित करने केेे लिए खाका तैयार कर लिया है. गौरतलब है कि नेताजी की जयंती को सरकार ने ‘पराक्रम दिवस‘ के रूप में मनाने का निर्णय लिया है. इस मौके पर पीएम मोदी ऐतिहासिक विक्टोरिया हाउस में सुभाष चंद्र बोस की याद में कई महत्वपूर्ण कार्यक्रमों की शुरुआत करेंगे. इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी एक स्मारक सिक्का और डाक टिकट भी जारी करेंगे. नेताजी के परिवार के सदस्यों को भी सम्मानित करेंगे पीएम मोदी.

पश्चिम बंगाल चुनाव भले ही अप्रैल-मई में हों, लेकिन वहां सियासी पारा अपने परवान पर चढ़ा हुआ है. बीजेपी और टीएमसी दोनों आमने-सामने नजर आ रहे हैं. ऐसे में प्रधानमंत्री मोदी के दौरे को लेकर भारतीय जनता पार्टी की पश्चिम बंगाल इकाई बेहद उत्साहित है और इसके लिए भाजपा ने कई दिनों से तैयारी शुरू कर दी है. बीजेपी कार्यकर्ताओं ने कोलकाता की सड़कों को बीजेपी के झंडे और बैनर्स से सजा दिया है. भाजपाइयों ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस के भी कई जगह बैनर और होर्डिंग लगवा दिए हैं. केंद्र सरकार भले ही इसे सरकारी कार्यक्रम बता रही हो, लेकिन सुभाष चंद्र बोस के नाम पर पिछले काफी दिनों से दोनों दल अपने-अपने तरीके से राजनीति कर रहे हैं. ऐसे में केंद्र-की भाजपा सरकार का नेताजी के जन्मदिन पर पराक्रम दिवस मनाना, प्रधानमंत्री का स्वयं कोलकाता जाना संयोग नहीं है.

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