बंगाल चुनाव में टैगोर और श्यामा प्रसाद के बाद अब विवेकानंद और सुभाष चंद्र बोस को भुनाने में जुटी BJP

पीएम नरेंद्र मोदी, अमित शाह और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा बार-बार बंगाल की जनता को याद दिला रहे हैं कि भारतीय जनता पार्टी की स्थापना एक बंगाली युगपुरुष श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने की थी, तो वहीं विवेकानंद और सुभाष चंद्र बोस के नामों के साथ दीदी की सियासी जमीन हिलाने में जुटी बीजेपी

Mamta
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Politalks.News/WestBengalElection. इस बार पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले न जाने कितने सियासी रूप देखने को मिलेंगे. बंगाल चुनाव के लिए लगभग तीन महीने बचे हैं. ऐसे में भाजपा वह सभी सियासी हथकंडे अपनाना चाहती है जिससे बंगाल का सिंहासन मिल सके. अब पार्टी ने चुनाव के मुख्य एजेंडे में बंगाल के महापुरुषों पर विशेष फोकस कर रखा है. यहां हम आपको बता दें कि अभी तक भारतीय जनता पार्टी रवींद्र नाथ टैगोर और रामकृष्ण परमहंस को लेकर सीएम ममता बनर्जी को घेरने में लगी है.

राष्ट्रगान के रचयिता, महान कवि और बंगाली अस्मिता के शिखर पुरुष गुरुदेव रवींद्र नाथ टैगोर पर बीजेपी लगातार कार्यक्रम कर रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तो इसके लिए टैगोर जैसा भेष भी धारण कर रखा है, जिससे मोदी का क्रेज पश्चिम बंगाल में खूब लोकप्रिय हो रहा है. यही नहीं पीएम नरेंद्र मोदी, अमित शाह और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा बार-बार बंगाल की जनता को याद दिला रहे हैं कि भारतीय जनता पार्टी की स्थापना एक बंगाली युगपुरुष श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने की थी. अब बीजेपी ने बंगाल के दो और महान पुरुषों स्वामी विवेकानंद और सुभाष चंद्र बोस के नामों को लेकर ममता बनर्जी की सियासी जमीन कमजोर करने में जुट गई है. बंगाल चुनाव से पहले बीजेपी ने स्वामी विवेकानंद और सुभाष चंद्र बोस के नाम पर कई कार्यक्रम आयोजित करने की तैयारी कर ली है. बता दें कि इन दोनों महान पुरुषों की जयंती इसी जनवरी माह में पड़ रही है.

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विवेकानंद और सुभाष चंद्र बोस की जयंती मनाने के लिए भाजपा ने शुरू की तैयारी-

भाजपा केंद्रीय आलाकमान ममता बनर्जी को चुनाव से पहले साफ संदेश देने की कोशिश कर रहा है कि बंगाल की महान विभूतियां सिर्फ आपकी नहीं हैं बल्कि हमारी भी हैं, पूरे देश भर की है और यह हिंदू अस्मिता की पहचान भी हैं. बीजेपी के लिए यह जनवरी महीना बंगाल के विधानसभा चुनाव को लेकर काफी अहम माना जा रहा है. क्योंकि इसी महीने में बंगाल माटी के दो युगपुरुष और श्रेष्ठ विचारक स्वामी विवेकानंद और नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती भी है.

बता दें कि पहले 12 जनवरी को स्वामी विवेकानंद जयंती को लेकर भाजपा पश्चिम बंगाल में कई बड़े कार्यक्रम आयोजित करने जा रही है. इस कार्यक्रम में गृहमंत्री अमित शाह बंगाल जाकर विवेकानंद जयंती पर ममता बनर्जी को दहाड़ सकते हैं. इसके साथ ही 23 जनवरी को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती भी मनाई जाएगी, जिसमें खुद पीएम नरेंद्र मोदी पश्चिम बंगाल जाएंगे. आपको बता दें कि इसी की तैयारियों को लेकर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा एक बार फिर 9 जनवरी को दो दिवसीय दौरे पर बंगाल जा रहे हैं.

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मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भाजपा को बाहरी बताने में जुटी

तृणमूल कांग्रेस की मुखिया और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी को बाहरी बताने में जुटी हुई है. ममता बनर्जी ने बीजेपी पर यह आरोप लगाया कि वह राज्य की सांस्कृतिक विरासत और सौहार्द को बिगाड़ना चाहती है. पिछले दिनों कोलकाता के बोलपुर पदयात्रा के दौरान दीदी ने कहा था कि बीजेपी बाहरी लोगों को लाकर पश्चिम बंगाल को जीतने का सपना देख रही है. दीदी ने कहा कि भाजपा महात्मा गांधी और देश के अन्य महापुरुषों का सम्मान नहीं करती, वे ‘सोनार बांग्ला’ बनाने की बात कर रही है. इसके अलावा ममता ने कहा कि भाजपा के नेता बंगाल की सभ्यता को धूमिल करने में लगे हुए हैं.

अब ममता बनर्जी का यह दांव बीजेपी पर भारी न पड़ जाए, भाजपा ने भी इसकी तैयारी कर ली है. बाहरी होने के आरोपों से निपटने के लिए बीजेपी ने अपने संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी की याद तृणमूल कांग्रेस को लगातार दिला रही है. ममता के इस आरोप के बाद बीजेपी ने सांस्कृतिक मोर्चे पर भी तृणमूल कांग्रेस को घेरने का प्रयास करते हुए राज्य के प्रमुख विचारक और प्रसिद्ध नेताओं के जन्मदिवस और शहादत दिवस पर कार्यक्रम बड़े आयोजन करने की रणनीति बनाई है. यही नहीं भाजपा नेता बंगाल की हर विधानसभा क्षेत्र से एक प्रभावशाली व्यक्तियों को मिशन चलाकर बीजेपी में शामिल कर कर रहे हैं, इससे भाजपा को यह फायदा होगा कि ममता बनर्जी के बाहरी दावे पर विराम लगेगा.

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