राजस्थानः राहुल इस्तीफा प्रकरण खत्म होने के बाद ही सत्ता-संगठन में दिखेगा बदलाव

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लोकसभा चुनाव में राजस्थान में मिली करारी हार के बाद कांग्रेस में भूचाल आ गया था. दिल्ली से लेकर जयपुर तक उठापठक तेज हो गई थी, लेकिन फिलहाल मामला शांत हो गया है. वहीं राजनीतिक जानकार इसे तूफान से पहले की शांति करार दे रहे हैं, क्योंकि अभी सबकी नजरें राहुल गांधी के इस्तीफा प्रकरण पर है. जैसे ही राहुल के इस्तीफे के मामले की स्थिति साफ हो जाएगी उसके बाद एक बार घमासान देखने को मिल सकता है.

अगर राहुल गांधी का इस्तीफा स्वीकार हो गया तो फिर नैतिकता के नाते कईं इस्तीफों की लाइन लग सकती है. लिहाजा इंतजार राहुल इस्तीफा प्रकरण के पटाक्षेप का है. उसके बाद ही राजस्थान प्रदेश में सत्ता और संगठन में बदलाव होगा. हांलाकि इस बदलाव में डेढ़ से लेकर तीन माह का वक्त लग सकता है.

क्या सचिन पायलट देंगे इस्तीफा?
सूत्रों के मुताबिक सचिन पायलट का आने वाले दिनों में एक पद पर ही रहना तय है. ज्यादा संभावना है कि पायलट पीसीसी चीफ से इस्तीफा देंगे, क्योंकि एक तो उनका कार्यकाल साढ़े पांच साल का हो गया है. वहीं सरकार में वो डिप्टी सीएम हैं. फिलहाल सचिन पायलट आलाकमान के आदेश का इंतजार करते हुए वैट एडं वॉच की स्थिति में है. पीसीसी चीफ से इस्तीफा देने के बाद पायलट डिप्टी सीएम बने रहेंगे या उन्हें दिल्ली बुलाया जाएगा या फिर राज्य में और कोई बड़ा पद दिया जाएगा, इसके बारे में अभी कुछ भी अंदाजा नहीं लगाया जा सकता.

पायलट हटे तो चौधरी और शर्मा होंगे पीसीसी चीफ?
अगर सचिन पायलट पीसीसी चीफ के पद से हटते हैं तो फिर उनकी जगह दूसरे नेता को मौका मिलना तय है. जानकारों के मुताबिक पार्टी द्वारा इस बार किसी जाट या ब्राह्मण चेहरे को नया प्रदेशाध्यक्ष बनाया जा सकता है. ऐसे में हरीश चौधरी, लालचंद कटारिया और रघु शर्मा के नाम दौड़ में सबसे आगे हैं. वहीं कुछ जानकार दलित चेहरे को भी मौका मिलने का दावा कर रहे हैं.

सत्ता में बदलाव तय
उधर, संगठन के साथ सत्ता में भी बदलाव के कयास लग रहे हैं. राहुल के इस्तीफा प्रकरण के निपटारा होते ही मंत्रिमंडल में फेरबदल तय है. यानी करीब एक दर्जन मंत्रियों की चुनाव में खराब परफोर्मेंस के चलते छुट्टी हो सकती है. जिन मंत्रियों को हटाया जा सकता है उनका क्राइटेरिया उनकी विधानसभा में तीस हजार से पिछड़ने का हो सकता है.

लेकिन राहत की बात है कि फिलहाल कांग्रेस में बयानबाजी और उठापठक का दौर थम गया है और मंत्री भी अपने विभागों के कामकाज में जुट गए हैं. इस इंतजार के साथ कि अब जो भी होगा राहुल गांधी के इस्तीफे के मैटर के समाधान के बाद ही होगा.

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