Politalks.News/WestBengal-Delhi. पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनावों के दौरान बीजेपी और टीएमसी, खासकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बीच पैदा हुई चुनावी तनातनी शायद एक दूसरे के मन में घर कर गई है. चुनाव खत्म होने के बाद से बंगाल और केन्द्र के बीच किसी न किसी बात को लेकर टकराव लगातार बना हुआ है. यहां तक कि चुनाव के बाद टीएमसी की जीत और ममता बनर्जी के मुख्यमंत्री बनने पर ऐसा पहली बार देखा गया कि एक प्रधानमंत्री ने किसी प्रदेश के मुख्यमंत्री को फोन कर सीएम बनने की बधाई तक नहीं दी, केवल ट्वीट कर इतिश्री कर ली गई. ऐसे में जब मन में इस तरह की भावना घर कर जाए तो फिर वहां सौहार्दपूर्ण वातावरण की कल्पना करना बेमानी है.
हालांकि इतने के बाद भी पत्रकार मन ने एक बार फिर आज प्रधानमंत्री की कोरोना महामारी को लेकर प्रमुख जिलों के कलेक्टर्स व मुख्यमंत्रियों के साथ वर्चुअल बैठक में कल्पना की थी कि पीएम मोदी और सीएम ममता के बीच ‘सौहार्द्रपूर्ण‘ बातचीत दिखाई देगी. लेकिन आज फिर एक बार ‘टकराव‘ की स्थिति ही बनी रही. सही मायने में आज प्रधानमंत्री की डिजिटल बैठक में मोदी और ममता की लड़ाई और ज्यादा बढ़ गई. मुख्यमंत्री ममता ने बैठक के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा तवज्जो नहीं दिए जाने का आरोप लगाकर अपनी ‘भड़ास‘ निकाली. जिससे एक बार फिर भाजपा और टीएमसी आमने-सामने आ गई.
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दरअसल, बंगाल में चुनाव सम्पन्न हो गए, जनता की चुनी हुई टीएमसी की सरकार बन गई और ममता बनर्जी मुख्यमंत्री हो गईं. लेकिन भाजपा और टीएमसी के बीच शुरू हुआ यह ‘सियासी युद्ध‘ अभी तक थमने का नाम नहीं ले रहा है. चुनाव के बाद से ही एक बार फिर राज्यपाल जगदीप धनखड़ और ममता सरकार के बीच ‘घमासान‘ जारी है. पिछले कुछ दिनों से राज्यपाल धनखड़ बंगाल के हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में दौरे को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नाराज चल रही हैं. सबसे बड़ी बात यह है कि देश इस समय कोविड-19 के खतरनाक दौर से गुजर रहा है. ऐसे में केंद्र और राज्य सरकारों को आपस में ‘तालमेल‘ बैठाना होगा. सबसे ज्यादा पश्चिम बंगाल और केंद्र सरकार के बीच ‘मतभेद‘ खत्म होने का नाम नहीं ले रहे हैं. अगर दोनों सरकारों के बीच इसी तरह ‘झगड़ा लंबा’ चलता रहा तो सीधा इसका असर बंगाल की जनता पर ही पड़ेगा.
बता दें कि कोरोना वायरस की दूसरी लहर के दौरान देशभर में जारी महाप्रलय के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज झारखंड, महाराष्ट्र, केरल, राजस्थान, ओडिशा, हरियाणा, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश और पुडुचेरी के मुख्यमंत्रियों के साथ इन राज्यों के 54 कलेक्टरों के साथ बैठक की. इस बैठक के बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी शामिल हुईं लेकिन उनके राज्य का कोई कलेक्टर (डीएम) शामिल नहीं हुए. वहीं बैठक के बाद दीदी ‘नाराज‘ हो गईं.
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प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ममता बनर्जी ने की केंद्र सरकार पर आरोपों की बारिश
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बैठक के बाद गुस्साई ममता बनर्जी ने तत्काल प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मोदी सरकार पर आरोपों की ‘बारिश‘ कर दी. ममता ने पीएम मोदी पर विपक्ष के मुख्यमंत्रियों को नहीं बोलने का आरोप लगाया. ममता ने कहा कि बैठक में सिर्फ ‘बीजेपी के मुख्यमंत्रियों को बोलने दिया गया‘. ममता ने कहा कि पीएम की बैठक में मुख्यमंत्रियों को ‘कठपुतली’ की तरह बैठाकर रखा गया, हमें अपमानित किया गया. सीएम ने आरोप लगाया कि राज्य को रेमेडिसिविर भी नहीं दी गई और पीएम मोदी ‘मुंह छिपा’ कर भाग गए. ममता ने कहा कि जब देश संकट के दौर से गुजर रहा है तो पीएम बहुत सी सामान्य रुख इस्तेमाल कर रहे हैं. दीदी ने कहा कि केंद्र सरकार ने देश के संघीय ढांचे का नुकसान किया है.
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि ऑक्सीजन, दवा, वैक्सीन कुछ भी मौजूद नहीं है. अगर केंद्र के फार्मूले पर चले तो इनका 10 साल तक इंतजार करना पड़ेगा. ममता ने बंगाल में वैक्सीनेशन की रफ्तार कम होने के लिए केंद्र सरकार को दोषी ठहराया. ममता ने कहा कि हमने प्राइवेट तौर पर 60 करोड़ रुपए की वैक्सीन खरीदी है. ममता ने वैक्सीन की दूसरी डोज 3 महीने बाद दिए जाने पर भी सवाल उठाए. कहा कि केंद्र को इसके पीछे छिपे कारण स्पष्ट करने चाहिए. ममता ने कहा कि मुख्यमंत्रियों के साथ प्रधानमंत्री की कोविड पर बैठक पूरी तरह फ्लॉप और अपमानजनक रही उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने कोविड बैठक में दावा किया कि संक्रमण के मामले कम हो रहे हैं, तो फिर अब भी इतनी मौतें क्यों हो रही है.
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प्रधानमंत्री मोदी पर आरोपों के बाद भाजपा ने भी संभाला मोर्चा और दिया ममता को जवाब
पीएम मोदी की बैठक के बाद ममता बनर्जी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर केंद्र सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए. ममता के आरोपों के बाद भाजपा भी पीछे कहां रहने वाली थी, केंद्र सरकार की ओर से केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद और भाजपा आईटी प्रमुख अमित मालवीय ने मोर्चा संभाला और मुख्यमंत्री ममता को जवाब दिया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कोरोना संकट को लेकर जिलाधिकारियों के साथ मीटिंग के बाद ममता बनर्जी के आरोपों पर केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि पीएम मोदी की बैठक को लेकर ममता का ‘आचरण दुर्भाग्यपूर्ण’ और शर्मनाक है. प्रसाद ने कहा कि ममता ने पूरी मीटिंग को एक तरह से ‘डीरेल‘ करने की कोशिश की है. बैठक में ममता बनर्जी का आचरण बहुत ही ‘अशोभनीय‘ रहा.
केंद्रीय मंत्री प्रसाद ने कहा कि ममता बनर्जी ऐसा पहली बार नहीं कर रही हैं, उन्होंने कहा कि इससे पहले कई मीटिंग्स में हिस्सा नहीं लिया था. ममता ने पूरी बैठक को एक तरह से पटरी से उतारने की कोशिश की. दूसरी ओर भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने कहा कि ममता बनर्जी कोरोना वायरस की दूसरी लहर के बीच तीन महीनों बाद पीएम मोदी के साथ बैठक में शामिल हुईं और अब वहीं बैठक पर सवाल उठा रही हैं, मालवीय ने कहा कि ममता पूरी तरह से राजनीति कर रहीं हैैं.