पुलिस हिरासत से छूटने के बाद बोले जीतू पटवारी- क्या दोस्तों से मिलना गुनाह है? कांग्रेस ने लगाया मारपीट का आरोप

भाजपा लोकतंत्र की हत्या कर रही है. सिंधिया राज्यसभा जाएंगे, मंत्री बन जाएंगे, लेकिन इस्तीफा देने वाले विधायकों का क्या होगा? मेरे साथी विधायकों की वेदना को मैं समझ सकता हूं- पटवारी

मंत्री जीतू पटवारी
मंत्री जीतू पटवारी

पॉलिटॉक्स न्यूज़/बैंगलुरु-मध्यप्रदेश. प्रदेश में आए सियासी संकट के बीच गुरुवार को अपनी पार्टी कांग्रेस के बागी विधायकों से मिलने बेंगलुरु पहुंचे मंत्री जीतू पटवारी और लाखन सिंह को कर्नाटक पुलिस ने गुरुवार को हिरासत में ले लिया, बाद में दोनों को पुलिस ने छोड़ दिया. इससे पहले सिंधिया गुट के बागी विधायकों से रिसोर्ट में मिलने पहुंचे मंत्री पटवारी और लाखन की बैंगलुरू पुलिस अधिकारियों से धक्का-मुक्की हुई थी. एमपी सरकार के मंत्री जीतू पटवारी ने हिरासत से छूटने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा कि क्या दोस्तों से मिलना गुनाह है? वहीं, कांग्रेस सांसद विवेक तन्खा ने आरोप लगाया है कि मंत्री पटवारी के साथ मारपीट की गई.

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मंत्री जीतू पटवारी ने बताया कि कांग्रेस के कुछ विधायक हमसे मिलना चाहते थे, यहां पर मेरे चचेरे भाई मनोज चौधरी को भी रखा गया है. मैं अपने भाई से यहां मिलने आया, लेकिन हमें रोका गया. हम अपने दोस्तों से मिलना चाहते हैं तो क्या यह गुनाह है? क्यों नहीं मिलने दिया जा रहा है? भला हो शिवकुमारजी का, उन्होंने हमें पुलिस की गिरफ्तारी से बचाया. इन विधायकों ने 15 साल तक संघर्ष किया, उन पर भावनात्मक दबाव डालकर फोन ले लिए गए. पटवारी ने कहा भाजपा लोकतंत्र की हत्या कर रही है. सिंधिया राज्यसभा जाएंगे, मंत्री बन जाएंगे, लेकिन इस्तीफा देने वाले विधायकों का क्या होगा? मेरे साथी विधायकों की वेदना को मैं समझ सकता हूं.

इसी बीच मध्यप्रदेश में कांग्रेस नेताओं ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कुछ वीडियो जारी किए, जिसमें दावा किया गया है कि बेंगलुरु पुलिस ने कांग्रेस नेताओं को हिरासत में लिया और उन्हें विधायकों से मिलने नहीं दिया गया. कांग्रेस की तरफ से जारी इन वीडियो में कुछ पुलिसकर्मी कांग्रेस नेता जीतू पटवारी से उलझते दिख रहे हैं, इसी बीच कुछ लोगों को जबरन खींचकर गाड़ी में भी बिठाया जा रहा है. ये वो नेता हैं जो विधायकों से मिलने वहां पहुंचे थे.

कांग्रेस नेता विवेक तन्खा ने आरोप लगाया है कि पटवारी के साथ बेंगलुरु में ठहरे विधायक मनोज चौधरी के पिता भी थे. मनोज चौधरी को अपने पिता से भी मिलने नहीं दिया गया. चौधरी पर भाजपा ने दबाव बनाया हुआ है. हम इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट जाएंगे. उन्होंने कहा कि पुलिस भाजपा के दबाव में काम कर रही है. पटवारी 9-10 विधायकों को भाजपा का साथ छोड़ने पर राजी कर चुके थे. लेकिन, भाजपा के दबाव में काम कर रही पुलिस ने मंत्रियों के साथ बदसलूकी की और उन्हें हिरासत में ले लिया.