Politalks.News/Rajasthan. पंजाब के सियासी संग्राम के बाद अब राजस्थान में मंत्रिमंडल विस्तार-फेरबदल, राजनीतिक नियुक्तियों और सत्ता संगठन के बदलावों की कवायद तेज हो गई है. लम्बे समय से जारी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच की सियासी खींचतान मिटाने के लिए कांग्रेस आलाकमान जल्द बड़े फैसले करने की तैयारी में है. सीएम गहलोत के लगातार दिल्ली दौरे को टाले जाने के बाद आलाकमान का सन्देश लेकर संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल और प्रदेश प्रभारी अजय माकन कल देर रात जयपुर पहुंचे. दोनों नेता आते ही सीधे मुख्यमंत्री आवास गए और सीएम गहलोत के साथ देर रात तक लंबी मंत्रणा की. जानकारों की मानें तो मंत्रिमंडल विस्तार-फेरबदल को लेकर देर रात मुख्यमंत्री आवास पर चले महामंथन के बाद सीएम गहलोत ने भी पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की की भांति सभी निर्णय का अधिकार आलाकमान सोनिया गांधी पर छोड़ दिया है.
सूत्रों की मानें तो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पार्टी के राष्ट्रीय संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल और प्रभारी अजय माकन से स्पष्ट कह दिया कि मंत्रिमंडल फेरबदल और विस्तार का फैसला सोनिया गांधी को करना है. सोनिया गांधी जो फैसला करेगी, उसके लिए वे तैयार हैं. यानी अब अंतिम फैसला पार्टी आलाकमान सोनिया गांधी पर छोड़ दिया गया है. इसके साथ ही सीएम गहलोत ने दोनों नेताओं के साथ ढाई घंटे की बैठक में मंत्रिमंडल विस्तार फेरबदल राजनीतिक नियुक्तियों सहित कई सियासी मुद्दों पर मंथन किया.
यह भी पढ़े: इतनी आसान नहीं है ‘गहलोत के दुर्ग’ पर फतह! तो वहीं ‘क्राउड पुलर’ पायलट का जलवा भी नहीं कुछ कम
एक अनार सौ बीमार वाली स्थिति में फंसे सीएम गहलोत
दरअसल, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सामने बड़ी समस्या यह है कि मंत्रिमण्डल में फिलहाल नौ ही पद खाली हैं, जबकि मंत्री पद चाहने वाले विधायकों की संख्या 35 से ज्यादा है. इनमें छह विधायक तो बसपा से कांग्रेस में आए विधायक और 13 निर्दलीय विधायक शामिल है. सीएम गहलोत बसपा से आए विधायकों में से कम से कम दो और निर्दलीयों में से भी दो तीन विधायकों को मंत्री बनाना चाहते है. ऐसे में कांग्रेस के विधायकों के सामने ये दिक्कत हैं कि वे मंत्री कैसे बन पाएंगे. यदि गहलोत 10 मंत्रियों को हटा भी दें और पूरे तीस मंत्री भी बना दें तो 19 ही बन पाएंगे. ऐसे में बाकी विधायकों को संसदीय सचिव या बोर्ड निगम में चेयरमेन बनाकर संतुष्ट करने की कोशिश की जाएगी लेकिन कई विधायक इसके लिए भी राजी नहीं है.
यही कारण है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दोनों नेताओं से यह कहा है कि राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर जो भी फैसला लिया जाए, उसमें पार्टी के वरिष्ठ नेताओं कांग्रेस के जनप्रतिनिधियों और स्थानीय नेताओं की सहमति होनी आवश्यक है. इसके अलावा बैठक में राजस्थान में कांग्रेस के मेनिफेस्टो की क्रियान्विति को लेकर मंथन हुआ. तीनों नेताओं की सहमति के बाद प्रदेश में अगले सप्ताह एआईसीसी की मेनिफेस्टो कमेटी की बैठक बुलाई गई है. कमेटी के अध्यक्ष ताम्रध्वज साहू अगले सप्ताह जयपुर आकर मेनिफेस्टो कमेटी की बैठक लेंगे.
यह भी पढ़े: सचिन पायलट से किए वादों को निभाना आलाकमान की मजबूरी या सियासी कूटनीति!
आपको बतास दें, कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल और प्रदेश प्रभारी अजय माकन शनिवार देर रात 10 बजे जयपुर पहुंचे थे दोनों नेताओं ने मुख्यमंत्री आवास पर सीएम के साथ डिनर किया. जिसके बाद देर रात तक तीनों नेताओं के बीच लगभग ढाई घन्टे बैठक चली. केसी वेणुगोपाल और अजय माकन का स्वागत करने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा भी मुख्यमंत्री आवास पहुंचे थे लेकिन बैठक शुरू होने से पहले डोटासरा सीएम आवास से रवाना हो गए.
वहीं केसी वेणुगोपाल और अजय माकन ने आज 10:30 बजे प्रदेश कांग्रेस कार्यालय पहुंचकर पार्टी पदाधिकारियों और जयपुर में मौजूद रहे विधायकों से मुलाकात की. दोनों नेताओं ने पीसीसी चीफ डोटासरा के साथ जिला अध्यक्षों की नियुक्ति को लेकर भी चर्चा की. पार्टी पदाधिकारियों और विधायकों की तरफ से दोनों नेताओं का पीसीसी में स्वागत किया गया. अजय माकन और वेणुगोपाल ने सत्ता और संगठन के कामकाज को लेकर पदाधिकारियों से फीडबैक भी लिया.
यह भी पढ़े: झारखंड में हेमन्त सोरेन सरकार गिराने की साजिश का पर्दाफाश, जेएमएम ने लगाए बीजेपी पर आरोप
पेगेसस जासूसी मामले को लेकर आंदोलन करेगी कांग्रेस-
इजराइली सॉफ्टवेयर पेगेसस द्वारा जासूसी मामले को लेकर भी कांग्रेस देशभर में बड़ा आंदोलन करने की सोच रही है. इसके लिए देश व्यापी स्वरूप रखा जाएगा. कल सीएम गहलोत के साथ भी इस बारे में विचार हुआ था. आज की बैठक में भी ये विचार मंथन होगा. खबर लिखे जाने तक दोनों नेता पीसीसी में ही मौजूद थे और कांग्रेस पदाधिकारियों और विधायकों के साह बैठक में पार्टी के संगठन विस्तार, अन्य कार्यक्रमों को लेकर विचार विमर्श कर रहे थे. बैठक लेने के बाद वेणुगोपाल और माकन दोपहर में लगभग1 बजे दिल्ली लौट जाएंगे और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को अपनी रिपोर्ट सौपेंगे.