आखिर मान गए गुढा, संभाली गाड़ी अब पदभार की बारी, माकन ने किए वादे तो राठौड़ ने निभाई जिम्मेदारी

अजय माकन ने दिया आश्वासन तो राजेन्द्र गुढा ने ले ली सरकारी गाड़ी, जल्द संभालेंगे पदभार भी! अपने साथियों की चिंता में नहीं संभाल रहे थे पदभार, बसपा से कांग्रेस में आए अन्य 5 विधायकों के मंत्रिमंडल पुनर्गठन में हाथ रहे थे खाली, अब राजनीतिक नियुक्तियों और संसदीय सचिवों की लिस्ट में दिख सकते हैं ये नाम!

आखिर मान गए गुढा
आखिर मान गए गुढा

Politalks.News/Rajasthan. गहलोत मंत्रिमंडल पुनर्गठन के बाद से अब तक पदभार नहीं संभालने वाले सरकार के राज्य मंत्री राजेन्द्र गुढ़ा(Rajendra Singh Gudha)के तेवर नरम पड़ गए हैं. बता दें, बसपा से आए अपने साथियों को एडजस्ट नहीं किए जाने और कैबिनेट मंत्री रमेश मीणा के नीचे राज्य मंत्री बनाने से नाराज चल रहे गुढ़ा ने ना तो सरकारी गाड़ी ली थी और ना ही पदभार ग्रहण किया था. बुधवार को मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने प्रदेश प्रभारी अजय माकन (Ajay Makan) और कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा (Govind Singh Dotasara) से मुलाकात की. बताया जा रहा है कि मीटिंग के बाद गुढ़ा ने सरकारी गाड़ी ले ली है और जल्द ही अपना चार्ज भी संभालने वाले हैं. हालांकि बुधवार को ही राजेन्द्र गुढ़ा का एक और बयान सामने आया था जिसमें गुढा कह रहे हैं कि गहलोत-माकन बुला रहे हैं, लेकिन मैं बोल रहा हूं कल आऊंगा, परसों आऊंगा.

हालांकि, प्रभारी अजय माकन से मुलाकात के बाद संतुष्ट दिखे राजेन्द्र गुढ़ा ने कहा कि, ‘प्रभारी माकन से खुलकर बातचीत हो गई है. उन्होंने साथियों को लेकर भी आश्वस्त किया है. साथ ही 2023 में टिकट को लेकर भी आश्वासन दिया है‘. माना जा रहा है कि गुढा अब जल्द ही पदभार भी संभाल सकते हैं. माकन से मुलाकात के बाद पंचायतीराज मंत्री राजेन्द्र गुढ़ा ने सरकारी गाड़ी में ही अपने क्षेत्र का दौरा भी किया है. सियासी जानकारों का कहना है कि गुढ़ा को मनाने के लिए सीएम गहलोत ने अपने खास सिपहसालार धर्मेन्द्र राठौड़ को जिम्मेदारी दी थी.

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गहलोत और माकन बुला रहे हैं लेकिन मैंने भी बोल दिया…
अजय माकन से मुलाकात से पहले बुधवार को झुंझुनूं के कोट गांव में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अपने सम्बोधन में में राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने कहा कि 70 साल में उदयपुरवाटी से कोई मंत्री नहीं बना लेकिन वे दो बार विधायक बने और दोनों ही बार मंत्री भी बन गए. अब तो स्थिति यह है कि मुख्यमंत्री बुला रहे हैं. कभी अजय माकन बुला रहे हैं लेकिन मैं नहीं जा रहा. मैं बोल रहा हूं कल आउंगा, परसों आऊंगा.

मेरा मन होगा तब करूंगा पदभार ग्रहण- गुढ़ा
आपको बता दें, विधायक राजेन्द्र गुढ़ा ने पिछले विधानसभा चुनाव में उदयपुरवाटी से बसपा के टिकट से चुनाव जीता था इसके बाद अपने 5 साथियों के साथ कांग्रेस पार्टी जॉइन की थी. मंत्रिमंडल पुनर्गठन में राजेन्द्र गुढ़ा इनमें से एकमात्र विधायक थे जिन्हें मंत्री बनाया गया. इनके साथ के 5 साथियों के हाथ अब भी खाली हैं. गुढ़ा बसपा से कांग्रेस में आए अन्य 5 साथियों को एडजस्ट नहीं किए जाने से नाराज बताए जा रहे थे. गुढ़ा ने कहा था कि, ‘जब मन करेगा तब पदभार ग्रहण करूंगा. ऐसा कोई नियम है क्या कि 5 दिन में पदभार ग्रहण करूं या 15 दिन में करुं, मुझे कोई मुहूर्त की आवश्यकता नहीं है‘. लेकिन सियासी जानकार बता रहे हैं की असली वजह अपने साथियों की चिंता था.

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प्रभारी माकन से मुलाकात के बाद नरम पड़े तेवर!

बुधवार को ही प्रदेश प्रभारी अजय माकन से मुलाकात के बाद मंत्री राजेन्द्र गुढ़ा ने सरकारी गाड़ी वापस ले ली है. लेकिन अभी राज्य मंत्री का चार्ज नहीं संभाला है. बताया जा रहा है कि वे जल्द ही चार्ज भी संभाल लेंगे’. प्रभारी माकन और पीसीसी चीफ डोटासरा ने गुढ़ा से समझाइश की है. साथ ही आपको बता दें कि गुढ़ा को मनाने की जिम्मेदारी सीएम गहलोत ने अपने खास सिपहसालार माने जाने वाले धर्मेन्द्र राठौड़ को दी थी. राठौड़ की समझाइश से ही बात बनी है .

गहलोत, माकन और भंवर जितेंद्र सिंह से बात हो गई, अब संतुष्ट हूं- गुढ़ा

झुंझुनूं में मीडिया से बातचीत में राजेन्द्र गुढा ने बताया कि अजय माकन से तथा सीएम अशोक गहलोत से बातचीत हो गई है. हमारे जो पांच साथियों के सम्मान की बात थी. उसे लेकर उन्होंने मुझे आश्वस्त किया है. इसके अलावा भी 2023 में कांग्रेस की टिकट और हमारे साथियों की जो-जो शंकाएं थी. उन्हें माकन के सामने रखा है. गुढा ने बताया कि इस मामले पर उनसे पूर्व केंद्रीय मंत्री भंवर जितेंद्र सिंह ने भी बातचीत की है, जिसके बाद वे संतुष्ट हैं. वहीं मंत्री राजेन्द्र गुढ़ा ने मोटर गैराज की गाड़ी भी ले ली है. गाड़ी को लेकर पूछे गए सवाल पर गुढ़ा ने कहा कि उन्होंने एक बार गाड़ी लौटा दी थी लेकिन अब सीएम ने उन्हें गाड़ी भेजी है तो सीएम का सम्मान करना हमारा दायित्व है. इसलिए उन्होंने गाड़ी स्वीकार कर ली है.

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