धन्यवाद प्रस्ताव पर कांग्रेस पार्टी की तरफ से अधीर रंजन चौधरी ने संबोधित करते हुए कहा कि राष्ट्रपति का अभिभाषण सत्ताधारी दल की ओर से तैयार किया गया था. संसदीय प्रणाली में राष्ट्रपति का अभिभाषण सरकार की आगामी नीतियों की झलक होता है. मुझे आज इस पर अपने विचार रखने का मौका मिला है. चौधरी ने कहा कि प्रधानमंत्री सिर्फ आपके नहीं बल्कि पूरे देश के हैं.
स्वामी विवेकानंद से प्रधानमंत्री की तुलना गलत है क्योंकि सिर्फ नाम नरेंद्र होने से किसी व्यक्ति की महापुरुष से तुलना नहीं की जा सकती है. कांग्रेस सांसद ने कहा कि आपकी तुलना बिल्कुल गलत है. मां गंगा की तुलना किसी गंदी नाली से नहीं की जा सकती है. चौधरी के इस बयान पर सदन में हंगामा मच गया. दोनों तरफ के सांसद हंगामा करने लगे.
चौधरी ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि 2जी और कोयला घोटाले को आज 6 साल हो गए है. अब तो सरकार भी आपकी है. दोषियों पर कारवाई क्यों नही हो रही है. चौधरी ने पीएम मोदी से सीधा सवाल पूछा कि क्या वह 2जी और कोयला घोटाले में किसी को भी पकड़ पाए हैं.
इतना ही नहीं, चौधरी ने कहा कि आज तक क्यों सोनिया गांधी और राहुल गांधी बाहर हैं. आप उनको चोर कहते हुए सत्ता में आए तो अब वो संसद में कैसे बैठे हैं. क्यों नहीं इन्हें जेल में नहीं डाल देते. हम तो चाहते हैं कि देश का कानून मजबूत हो और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई हो. अंत में कांग्रेस ने नेता ने तंज मारते हुए कहा कि इस सरकार को दूसरे के किए गए कार्यों का श्रेय लेने की आदत है. सरकार हरी और नीली क्रांति का नारा दे रही है लेकिन यह सब योजनाएं कांग्रेस सरकारों की देन है.
चौधरी के ‘गंदी नाली’ शब्द पर विवाद बढ़ने के बाद उन्होंने माफी मांग ली. उन्होंने कहा, ‘यह गलतफहमी है, मैंने ‘नाली’ नहीं कहा, यदि प्रधानमंत्री इससे आहत हैं तो मैं माफी मांगता हूं. उन्हें दुख पहुंचाने का मेरा कोई इरादा नहीं था. यदि प्रधानमंत्री को दुख पहुंचा है तो मैं व्यक्तिगत रूप से उनसे माफी मांगूंगा. मेरी हिंदी अच्छी नहीं है, नाली से मेरा मतलब चैनल से था.’