अधीरजी ने अपनी पार्टी राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के कश्मीर दौरे को लेकर लोकसभा में कांग्रेस नेता प्रतिपक्ष अधीर रंजन (Adhir Ranjan Chowdhury) और जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) के राज्यपाल सत्यपाल मलिक (Satyapal Malik) आमने-सामने हो गए हैं. सत्यपाल मलिक के बयानों पर कटाक्ष करते हुए अधीर रंजन ने उन्हें भारतीय जनता पार्टी (BJP) का जम्मू कश्मीर का प्रदेश अध्यक्ष बनने तक की सलाह दे दी. अधीर रंजन ने सोशल मीडिया पर एक ट्वीट करते हुए कहा, ‘मुझे लगता है कि जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल को वहां का बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बनाया जाना चाहिए, क्योंकि उनके व्यवहार के साथ-साथ उनके बयान भी बीजेपी नेता की तरह हैं.’ अधीर रंजन ने केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर के हालात से आम लोगों को गुमराह किया जा रहा है. एक महीना होने जा रहा है लेकिन हिंदुस्तान के बाकी हिस्सों के साथ जम्मू-कश्मीर का कोई संपर्क नहीं है.
Adhir Ranjan Chowdhury, Congress: I think the Governor of Jammu & Kashmir should be made the BJP (Bharatiya Janata Party) President for J&K because his behaviour as well as his statements are more like that of a BJP leader. pic.twitter.com/z1uoz8uxZt
— ANI (@ANI) August 26, 2019
अधीर रंजन के इस बयान पर पलटवार करते हुए गवर्नर सत्यपाल मलिक ने कहा ‘अधीरजी ने अपनी पार्टी को कब्र में लिटा दिया है. उन्होंने संसद में जो कुछ भी कहा था, भविष्य में जब कभी भी चुनाव होंगे, उनकी उस बात का उल्लेख होगा. उस व्यक्ति की जानकारी पर मैं क्या प्रतिक्रिया दूं.’
J&K Governor SP Malik on Adhir Ranjan Chowdhury’s remark ‘Governor should be made J&K BJP chief’: By saying what he said in Parliament, he buried his party in the grave. What do I say on his knowledge? I’m doing my work with utmost devotion, I don’t care about these allegations. pic.twitter.com/CbGXTcCjM0
— ANI (@ANI) August 26, 2019
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की श्रीनगर यात्रा पर जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने निशाना साधा. मलिक ने कहा, ‘राहुल गांधी ने मेरे न्योते को बिजनेस बना दिया है. मैंने उनसे कहा कि अगर भरोसा नहीं है तो यहां आएं और देखें. इस पर राहुल गांधी कहा कि हाउस अरेस्ट में लोगों और आर्मी से मिलेंगे. मैंने कहा कि यह शर्त मंजूर नहीं है और यह मुद्दा प्रशासन के जिम्मे छोड़ दिया.’
Jammu & Kashmir Governor Satya Pal Malik on Rahul Gandhi visiting SRINAGAR: There is no need for him now, he was needed when his colleague was speaking in the Parliament. If he wants to aggravate the situation & come here to repeat the lie he told in Delhi, it is not good. pic.twitter.com/yVOTMdTn0K
— ANI (@ANI) August 24, 2019
दरअसल, सत्यपाल मलिक से बयानबाजी का ये टकराव कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ भी हो चुका है. राहुल गांधी और सत्यपाल मलिक आपस में एक दूसरे पर बयानबाजी करते हुए हाल में चर्चा में रहे थे. राहुल गांधी ने जब जम्मू कश्मीर गवर्नर से वहां आने की इजाजत मांगी तो मलिक ने उन्हें हैलीकॉप्टर भेजने की बात कही. इस पर राहुल गांधी ने जवाब दिया कि उन्हें हैलीकॉप्टर नहीं केवल वहां के लोगों से मिलने की इजाजत चाहिए.
Dear Governor Malik,
A delegation of opposition leaders & I will take you up on your gracious invitation to visit J&K and Ladakh.
We won’t need an aircraft but please ensure us the freedom to travel & meet the people, mainstream leaders and our soldiers stationed over there. https://t.co/9VjQUmgu8u
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) August 13, 2019
इसके बाद राहुल गांधी विपक्ष के कुछ नेताओं के एक डेलिगेट के साथ जम्मू कश्मीर रवाना हो गए. वहां पुलिस प्रशासन ने सख्ती दिखाते हुए उन्हें और उनके डेलिगेट को जम्मू एयरपोर्ट से वापिस लौटा दिया.
It’s been 20 days since the people of Jammu & Kashmir had their freedom & civil liberties curtailed. Leaders of the Opposition & the Press got a taste of the draconian administration & brute force unleashed on the people of J&K when we tried to visit Srinagar yesterday. pic.twitter.com/PLwakJM5W5
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) August 25, 2019
बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी राहुल गांधी के जम्मू कश्मीर जाने पर निशाना साधते हुए कहा था कि उन्हें वहां जाने की इतनी जल्दी क्यों रही. वहां कुछ वक्त के बाद जाना चाहिए.
3. ऐसे में अभी हाल ही में बिना अनुमति के कांग्रेस व अन्य पार्टियों के नेताओं का कश्मीर जाना क्या केन्द्र व वहां के गवर्नर को राजनीति करने का मौका देने जैसा इनका यह कदम नहीं है? वहाँ पर जाने से पहले इस पर भी थोड़ा विचार कर लिया जाता, तो यह उचित होता।
— Mayawati (@Mayawati) August 26, 2019