पॉलिटॉक्स न्यूज. हिंदूओं की आस्था का सबसे बड़ा प्रतीक ‘राम जन्मभूमि’ पर भव्य राम मंदिर बनाने का काम शुरु हो चुका है. यहां जमीन को समतल करने का काम हो रहा है. साथ ही राम मंदिर में लगने वाले पत्थरों को भी साफ एवं शुद्ध किया जा रहा है. रामलला परिसर में भव्य मंदिर निर्माण के लिए चल रहे समतलीकरण में हर रोज पुरावशेष मिल रहे हैं. ये अवशेष बाबरी मस्जिद के नीचे दफन पुराने राम मंदिर के माने जा रहे हैं जिनका जिक्र सुप्रीम कोर्ट में हर बार हिंदू पक्ष के वकीलों ने किया था. भारी संख्या में राम मंदिर के अवशेष मिलने के बाद श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने तय किया है कि अयोध्या में राम मंदिर के साथ विशाल और भव्य श्रीराम म्यूजियम भी बनाया जाएगा. मंदिर के मिल रहे अवशेषों को श्रीराम म्यूजियम में बतौर संरक्षित करके रखा जाएगा. बता दें, राज्य सरकार एक डिजिटल श्रीराम म्यूजियम बनाने का ऐलान पहले ही कर चुकी है.
राम मंदिर के समतलीकरण के दौरान बीते दिनों यहां से बड़ी संख्या में पुरातात्विक पत्थर, गुंबद, देवी देवताओं की खंडित मूर्तियां, पुष्प कलश, प्राचीन कुआं दोरजाम्ब, कलाकृतियां मेहराब के पत्थर, सात ब्लैक टच स्टोन के स्तंभ व छह रेड सैंड स्टोन के स्तंभ और 5 फुट आकार के नक्काशीयुक्त शिवलिंग की आकृति प्राप्त हुई है. माना जा रहा है कि सभी पुराने राम मंदिर के अवशेष हैं जिन्हें संरक्षण की जरूरत है. विहिप और श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की योजना भव्य राममंदिर निर्माण के साथ ही परिसर या फिर इससे लगे अन्य स्थल पर विशालकाय राम म्यूजियम बनाने की है. ऐसे में फैसला किया गया है कि समतलीकरण में मिले पुरावशेषों को एक संग्रहालय में रखा जाएगा, जहां अयोध्या के पुराने इतिहास और राम के वैभव का दर्शन हो सकेंगे.
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राम की गाथा बखान करने के लिए अयोध्या में 100 एकड़ का एक थीम पार्क भी बनेगा जिसमें रामायण की झांकी दिखेगी. इसमें अयोध्या और लंका दोनों की झलक मिलेगी. यहां मानव निर्मित झील के सहारे ‘शबरी गार्डन’ से ‘अशोक वाटिका’ तक सब कुछ दिखाया जाएगा जिसमें रामायण सरीखी दृश्य दिखाए जाएंगे.
निर्माण स्थल के समतलीकरण में मिले पुरावशेष पुरातात्विक महत्व के हैं. इन्हें संग्रहालय में रखकर अयोध्या के पुराने इतिहास और श्रीराम के वैभव से जनता को रू-ब-रू करवाया जाएगा. लॉकडाउन में छूट के बाद 11 मई से श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र में शुरू हुए समतलीकरण कार्य में 3 जेसीबी मशीन, एक क्रेन, दो ट्रैक्टर व 10 मजदूर लगे हैं. यहां हर रोज कुछ न कुछ पुरावशेष मिल रहे हैं.
गौरतलब है कि अयोध्या विवाद के बीच रामलला परिसर में कई साल पहले खुदाई हुई थी. तब यहां मंदिर से जुड़े तमाम पुरावशेष मिले थे जिन्हें भारतीय पुरातत्व संरक्षण विभाग ने संरक्षित रखवा दिया था. अब यह राज्य संपत्ति विभाग की संपत्ति है. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के पास रामलला से जुड़ा कोई अवशेष नहीं था लेकिन अब समतलीकरण में पुरावशेष मिल रहे हैं. मंदिर निर्माण के समय नींव की खुदाई में और भी पुरावशेषों के मिलने की उम्मीद है. भारी संख्या में पुरावशेष मिलने के बाद ट्रस्ट इन पुरावशेषों को विशाल संग्रहालय में रखने की योजना पर मंथन कर रहा है.
अयोध्या शोध संस्थान से लेंगे मदद
विहिप सूत्रों के मुताबिक राममंदिर के साथ ही ट्रस्ट के साथ भगवान राम से जुड़ा एक विशाल संग्रहालय भी बनाया जाएगा. अयोध्या शोध संस्थान देश-दुनिया से राम से जुड़े सभी प्रतीकों को एकत्र कर रहा है. शोध संस्थान की सहमति से इन पुरावशेषों को भी इसी संग्रहालय में रखा जाएगा. भगवान राम की जिंदगी पर बन रहे अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय की भी इस काम में मदद ली जाएगी. अयोध्या के संत समाज ने भी पुरावशेषों को संग्रहालय में रखने की मांग की है. समतलीकरण के दौरान मिले पुरावशेषों के समय को लेकर विवाद छिड़ गया है. माना जा रहा है कि राज्य पुरातत्व संग्रहालय इन पुरावशेषों की कार्बन डेटिंग करा उनकी सही उम्र का पता लगाएगा. ताकि पुरावशेषों से अयोध्या के पुराने इतिहास को पुख्ता किया जा सके.
तैयार हो रही रामायण इंसाक्लोपीडिया
भगवान राम और उनके कार्य के बखान के लिए संग्रहालय के साथ ही उप्र संस्कृति विभाग द्वारा संचालित अयोध्या शोध संस्थान पांच वाल्यूम में इंसाक्लोपीडिया ऑफ रामायण तैयार कर रहा है. इसमें पूरी दुनिया में रामायण गाथा का संकलन होगा. रामायण देशों का समूह बनाने की दिशा में भी काम हो रहा है. विश्व की रामलीलाओं के दस्तावेजीकरण के साथ ही ही भगवान राम से जुड़ी हर चीज का संकलन किया जा रहा है.