लोकसभा चुनाव की तारीखों का एलान होने के बाद सियासी गहमागहमी बढ़ गई है. राजनीतिक दलों ने उम्मीदवारों के चयन के काम तेज कर दिया है. राजस्थान की 25 लोकसभा सीटों पर प्रत्याशियों के नाम फाइनल करने के लिए भाजपा का मंथन जारी है. सूत्रों के अनुसार पार्टी के आंतरिक सर्वे और अलग—अलग स्तर पर मिले फीडबैक के आधार 10 सांसदों के टिकट काटने का मन बना लिया है जबकि 12 को फिर से मैदान में उतारने की तैयारी की जा रही है.

जिन 10 सांसदों का टिकट संकट में है उनमें जयपुर से रामचरण बोहरा, सीकर से सुमेधानंद सरस्वती, नागौर से सीआर चौधरी, बाड़मेर से कर्नल सोनाराम, चूरू से राहुल कस्वां, झुंझुनूं से संतोष अहलावत, राजसमंद से हरिओम सिंह राठौड़, बांसवाड़ा से मानशंकर निनामा, भरतपुर से बहादुर सिंह कोली और करौली—धौलपुर से मनोज राजोरिया का नाम सामने आ रहा है.

जिन 12 सांसदों को भाजपा फिर से मैदान में उतारने की तैयार कर रही है उनमें जयपुर ग्रामीण से राज्यवर्द्धन सिंह राठौड़, बीकानेर से अर्जुनराम मेघवाल, जोधपुर से गजेंद्र सिंह शेखावत, पाली से पीपी चौधरी, जालोर—सिरोही से देवजी पटेल, बारां—झालावाड़ से दुष्यंत सिंह, चित्तौड़गढ़ से सीपी जोशी, भीलवाड़ा से सुभाष बहेड़िया, श्रीगंगानगर से निहालचंद मेघवाल, कोटा से ओम बिरला, टोंक—सवाई माधोपुर से सुखवीर सिंह जौनपुरिया और उदयपुर से अर्जुन लाल मीणा का नाम शामिल है.

जबकि अलवर, अजमेर और दौसा सीटों पर भाजपा दावेदरों की छंटनी कर रही है. गौरतलब है कि 2014 में इन तीनों सीटों पर पार्टी के प्रत्याशी जीते थे, लेकिन अलवर सांसद महंत चांदनाथ और अजमेर सांसद सांवरलाल जाट के निधन के बाद हुए उपचुनाव में इन सीटों पर कांग्रेस ने बाजी मारी. जबकि दौसा सांसद हरीश मीणा विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस में शामिल हो गए. फिलहाल वे देवली—उनियारा सीट से कांग्रेस के विधायक हैं.

पार्टी ने जिन 10 सांसदों का टिकट काटने का मन बनाया है, उन्हें इस बारे में बता दिया गया है. सूत्रों के अनुसार पिछले महीने के आखिर में पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने प्रदेश के सभी सांसदों से केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के दिल्ली स्थित सरकारी आवास पर मुलाकात की थी. इसमें शाह ने उन 10 सांसदों को दो—टूक शब्दों में कह दिया कि फील्ड से आपका फीडबैक निगेटिव आ रहा है इसलिए पार्टी आपको फिर से मैदान में उतारने का खतरा नहीं उठा सकती.

भाजपा की कोर कमेटी की बैठकों में अमित शाह की मंशा के अनुसार ही उम्मीदवारों की चयन की प्रक्रिया आगे बढ़ रही है. यानी रामचरण बोहरा, सुमेधानंद सरस्वती, सीआर चौधरी, कर्नल सोनाराम, राहुल कस्वां, संतोष अहलावत, हरिओम सिंह राठौड़, मानशंकर निनामा, बहादुर सिंह कोली और मनोज राजोरिया को फिर से मौका देने पर विचार नहीं हो रहा है. हालांकि ये सभी सांसद फिर से टिकट हासिल करने के लिए अपने—अपने स्तर पर लॉबिंग कर रहे हैं.

बता दें कि राजस्थान की 25 सीटों पर उम्मीदवार तय करने के लिए भाजपा कोर कमेटी की दो बैठकें हो चुकी हैं. बुधवार को जयपुर में हुई बैठक में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे, प्रदेश चुनाव प्रभारी प्रकाश जावड़ेकर, सह प्रभारी सुधांशु त्रिवेदी, प्रदेश प्रभारी, अ​विनाश राय खन्ना, प्रदेशाध्यक्ष मदन लाल सैनी, प्रदेश संगठन महामंत्री चंद्रशेखर, राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री वी सतीश, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ओम माथुर, केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल, सीआर चौधरी, गजेंद्र सिंह शेखावत, नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया, उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी, अरुण चतुर्वेदी, प्रदेश प्रवक्ता सतीश पूनिया और पूर्व मंत्री यूनुस खान ने हिस्सा लिया.

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